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युक्ति

मृगत्रष्णा
मृगत्रष्णा
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जीवन के ऊबड खाबड रास्ते पर चलते हुये जब कभी स्वयं को उदासी के चक्रवातों से घिरा हुआ महसूस करो, अपने बचपन के उन पलों को याद करना शुरू कर दो जब तूम सर्वाधिक आनन्द की अवस्था में थे यदि ऐसा करने में सफल रहे तो दुख और उदासी के पल तुम्हारे जीवन से स्वयं ही दूर चले जायेंगे इतना ही नहीं तुम्हारा यह पृयास तुम्हें आनन्द की वह अवस्था पृदान कर देगा जो बिरलों को ही नसीब होती है।

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